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जवान होता भारत

यूपी उदय मिशन
यूपी उदय मिशन
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एक दिन मै बाजार गई डाइवर वाजार मे धीरे धीरे गाडी चला रहा था अचानक 16-17 साल का एक लडका मेरी गाडी के सामने से बडी तेजी से बाइक निकलता हुआ आगे बढ गया। बाइक पर हम उम्र दो बच्‍चे सवार थे दोनो बच्‍चो ने मेरी तरफ देखा और सफलता भरी मुस्‍कान विखेरते हुए आगे बढ गये। जब मै घर लौटी तो सोचने लगी कि आखिर इन बच्‍चों को ऐसा करने से क्‍या मिलता है। यदि कुछ पलों की देर हो जाती तो दुर्घटना हो सकती थी। बच्‍चे के हाथ पैर टूट सकते थे उसकी जान भी जा सकती थी। यह सब जानते हुए कि यह एक जोखिम भरा कार्य है उसने ऐसा क्‍यों किया ? इससे उसे क्‍या मिला ? घर लौटने पर इस सम्‍बन्‍ध मे मैने अपने पति से पूछा तो उन्‍होने जो बात बतायी वह काबिले गौर है। उन्‍होने बताया कि जब बच्‍चे 13 वर्ष से उपर की उम्र के होने लगते है तो उनमे कई प्रकार के परिवर्तन आने लगते है। मनुष्‍य के मस्तिष्‍क मे एक ग्रन्थि पाई जाती है जिसका नाम है पिटयूटरी ग्रन्थि। यह ग्रन्थि एक प्रकार का हार्मोन उत्‍सर्जित करती है जिसे आक्‍सीटोसीन कहते हैं। यह हार्मोन मानव शरीर मे उत्‍तेजना पैदा करती है जिससे बच्‍चों मे जोखिम लेने की प्रेरणा पैदा होती है। शुरूआती दौर मे ये ग्रन्थि अधिक हार्मोन उत्‍सर्जित करती है साथ ही शरीर की कम विकास होने के कारण यह हार्मोन शरीर की कोशिकाओं विशेषकर मस्तिष्‍क पर गहरा प्रभाव डालती है इसी कारण उम्र की शुरूआती दौर मे बच्‍चों मे विवेक कम और उत्‍साह अधिक होता है। जिसके कारण बच्‍चों मे युवाओं की तुलना मे जोखिम लेने की क्षमता अधिक होती है।

अभी कुछ दिनों पूर्व अखबारों मे एक खबर छपी थी कि चीन देश मे साठ साल साल से अधिक उम्र वालों की बढती संख्‍या से परेशान है। जबकि भारतवर्ष अपनी बढती आवादी के कारण युवाओं का देश बनता जा रहा है। एक आकलन के अनुसार भारतवर्ष मे 0 से 14 वर्ष के बीच के उम्र वालों की संख्‍या 33.76 करोड है जबकि चीन मे 0 से 14 वर्ष के बीच के उम्र वालों की संख्‍या 27.92 करोड है। आज हर राजनैतिक पार्टी देश के युवा वर्ग को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास कर रही है। कहने का मतलब आने वाले समय मे हमारे पास मानव संसाधन के रूप मे युवाओं की एक फौज होगी। लेकिन युवाओ की यह फौज हमारे लिये वरदाना है या अभिषाप है? यह एक विचारणीय विन्‍दु है। इस सम्‍बन्‍ध मे मै एक उदाहरण देना चाहती हूं। किसी नदी पर वांध वनाकर पानी को रोक लिया जाय। उस रूके पानी मे स्थितिज उर्जा के रूप मे काफी मात्रा मे उर्जा है।यदि बांध के दूसरी तरफ एकत्र पानी की उर्जा का प्रयोग टरबाइन लगाकर विजली उत्‍पादन के लिये किया जाता है और बांध से निकले पानी का प्रयोग नहरें बनाकर सिचाई के लिये प्रयोग किया जाता है तो यह उर्जा देश और समाज के लिये लाभदायक है। और अगर बांध बनाकर पानी एकत्र कर उसे छोड दिया गया तो निश्चित ही पानी की बढती मात्रा एक दिन बांध को तोड देगी और तब सैलाब आयेगा और गांव के गांव शहर के शहर तबाह हो जायेगें। उस समय जो उर्जा हमारे लिये वरदान हो सकती थी वही हमारे लिये अभिषाप हो जायेगी।‍

यही स्थिति हमारी देश के युवाओं की है। देश मे युवाओं की जो फौज हम खडी कर रहे है अगर हमने उनका सदुपयोग नही किया तो यही युवा हमारे लिये समस्‍या पैदा करेगे। कोई आतंकवादी बनेगा तो कोई नक्‍सली; कोई चोरी करेगा तो कोई अपहरण। युवा जो हमारे लिये एक महान शक्ति का स्रोत बन सकता है कही हमारे लिये समस्‍या न बन जाये। जरूरत है अपने मावन संसाधनों के सही सदुपयोग की; उसके उचित प्रबन्‍धन की। यह इस देश का दुर्भाग्‍य है कि मानव संसाधन प्रबंधन की कोई योजना न तो भारत सरकार के पास है और न ही राज्‍य सरकारों के पास। यदि यही स्थिति बनी रही तो निश्चित ही हम एक ऐसे भविष्‍य की ओर बढ रहे जो अंधकारमय है।

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