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भ्रष्टाचार केवल कानून व्यवस्था की समस्या नही है बल्कि एक सामाजिक आर्थिक एवं मनोवैज्ञानिक समस्या है।
विगत एक वर्ष से अन्ना हजारे जी बाबा राम देव के साथ भ्रष्टाचार के विरूद्ध अभियान चला रहे हैं। अभियान अब शैशवा अवस्था से निकल कर जवान हो रहा है लेकिन अभियान का प्रभाव समाज पर नही पड रहा है। मै इस लेख के माध्यम से जो विचार रख रही हूं यदि किसी को इससे असहमति है तो वह अपने सुझाव अवश्य दें। क्योकि अब समय आ गया है जब भ्रष्टाचार के विरूद्ध समग्र प्रयास किया जाय।
भ्रष्टाचार एक सामाजिक समस्या है– यदि मुझे ठीक से याद आ रहा़ है तो मै समझती हॅू कि भ्रष्टाचार के जिस मुददे ने देश को झकझोर कर रख दिया था तथा जिस मुददे ने अन्ना हजारे जी और बाबा राम देव को समाज मे भ्रष्टाचार के विरूद्ध लडाई के लिये बल प्रदान किया वह मुददा था 2 जी स्पेक्टम घोटाला। इस प्रकारण मे मुख्य आरोपी ए राजा,कनीमोरी,कई कम्पनियों के सी ई ओ और सचिव दूरसंचार थे। लेकिन इस प्रकरण की सुई ए राजा के आस पास घूमती रही। प्रकरण मे जिस राजनैतिक व्यक्ति को सबसे बाद मे जमानत मिली वे व्यक्ति भी ए राजा ही थे। ए राजा की रिहाई के बाद जो घटना घटी वह विचारणीय है। अन्ना हजारे जी और बाबा राम देव समाज के लिये भ्रष्टाचार के विरूद्ध लडाई लड रहे है। किस समाज के लिये जिसने ए राजा की जेल से रिहाई के बाद राज्याभिषेक किया। जिस प्रकार का स्वागत ए राजा का हुआ वह काबिले तारीफ है, क्या जनता क्या राजनैतिक लोग सभी ने बढ चढ कर स्वागत मे भाग लिया। जिस ए राजा के विरूद्ध टीम अन्ना और अन्य आन्दोलनकारी भ्रष्ट मानकर आन्दोलन चला रहे है उसी ए राजा को जनता सम्मान देती है। आखिर क्यों ? जब जनता ही भ्रष्ट आचरण करने वाले को सम्मान दे रही है तो अन्ना हजारे जी या बाबा राम देव किसके लिये आन्दोलन चला रहे है ? प्रश्न उठता है आखिर भ्रष्ट आचरण करने वाले को जनता सम्मान क्यो देती है? कुछ बर्षो पूर्व बस्ती जिले मे दो जातियों कुर्मी और ठाकुरों के बीच लडाई चल रही थी। इस लडाई के दौरान कुछ कुर्मी अपराधी ठाकुरों की और कुछ ठाकुर अपराधी कुर्मियों की हत्या कर रहे थे। कुर्मी अपराधी कानून, ठाकुरों और समाज के अन्य लोगों की निगाह मे अपराधी थे लेकिन कुर्मियों की निगाह मे उनके राबिनहुड। इसी प्रकार ठाकुर अपराधी कानून, कुर्मियों और समाज के अन्य लोगों की निगाह मे अपराधी थे लेकिन ठाकुरों की निगाह मे उनके राबिनहुड। समाज मे अपराध की परिभाषा समय और स्थान के साथ बदलती रहती है। जिस ए राजा को समाज अपराधी मानता है उसी ए राजा को उनके जाति, विधान सभा और पार्टी के लोग अपना राबिनहुड मानते है। अगर अपराधी को अपराध करने के बदले समाज मे सम्मान मिलता रहेगा तो उसे अपराध से कैसे अलग करेगें। आज से काफी समय पूर्व लालू प्रसाद यादव के साथ भी ऐसा ही हुआ था। जेल से छूटने के बाद लालू प्रसाद यादव जी हाथी पर सवार होकर जेल से घर गये थे। समाज ने उनके भ्रष्टाचार के वावजूद भी उनका महिमा मण्डन किया। उस भ्रष्टाचार से सीधे न ही अन्ना हजारे जी को नुकसान हुआ था और न ही अरविन्द केजरीवाल जी को, जिसका जनता का सीधा नुकसान हुआ उसे लालू प्रसाद से कोई शिकायत नही है तो आप ही बताये कि आप यह लडाई किसके लिये लड रहे है ? भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये लडाई समाज के अन्दर से लडना होगा।
भ्रष्टाचार आर्थिक समस्या है- देश मे विभिन्न राज्य सरकारों एवं केन्द्र सरकार द्वारा जनकल्याण के नाम पर योजनायें चलाई जा रही है। इन योजनाओं मे लोगों को मुफत मे धनराशि दी जाती है। उस मुफत की धनराशि को पाने के लिये लोग दलालों और सरकारी अधिकारियों को घूस देते है अपात्र लोग भी नैतिकता भूलकर गरीबों की योजनाओं की धनराशि को भ्रष्ट तरीके से पाने का उपक्रम करते है। जब समाज ही भ्रष्ट हो तो भ्रष्टाचार पर नियंत्रण कैसे सम्भव है। लगभग 30 वर्ष पूर्व देश मे रसोई गैस रासायनिक खाद की विक्री मे भ्रष्टाचार का नाम नही आता था क्योकिं उस समय इनकी मांग कम थी। इसके सापेक्ष सीमेन्ट और डीजल को लेकर मारामारी रहती थी। आज परिस्थ्िातियां जुदा है। सीमेन्ट और डीजल फोन काल पर उपलब्ध है जबकि रसोई गैस रासायनिक खाद के लिये भ्रष्टाचार है क्यों? इसलिये क्योंकि आज सीमेन्ट और डीजल की आपूर्ति ज्यादा है और मांग कम जबकि रसोई गैस और रासायनिक खाद की मांग ज्यादा है आपूर्ति कम है। जब तक मांग आपूर्ति का संतुलन विगडा रहेगा भ्रष्टाचार बदस्तूर जारी रहेगा।
भ्रष्टाचार मनोवैज्ञानिक समस्या है- समाज के एक तबके को भ्रष्टाचार मे कोई बुराई नजर नही आती। वह सब कुछ और सभी को पैसे से खरीद लेना चाहता है। उसका मांसिक स्तर इस तरह का है कि उसे भ्रष्टाचार मे बुराई नजर नही आती।
आज आप जब जिसके लिये आप लडाई लड रहे है वही भ्रष्टाचार को बढावा दे रहा है, आर्थिक परिस्थितियां भ्रष्टाचार के अनुकूल है, समाज का एक तबका भ्रष्टाचार को जीवित रखना चाह रहा है। ऐसी परिस्थिति मे केवल लोकपाल के जरिये आप भ्रष्टाचार को कैसे नियंत्रित करेगें बिचार करें।
जय हिन्द
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