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इस विन्दु पर भी विचार करे।

यूपी उदय मिशन
यूपी उदय मिशन
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क्या आप जानते है कि वर्ष 2006 मे भारत वर्ष की जनसंख्या 108.2 करोड थी इसी वर्ष चीन की जनसंख्या 130.6 करोड थी। क्षेत्रफल एवं जनसंख्या के घनत्व के लिहाज से जहां भारत का क्षेत्रफल 3300000 वर्ग किलोमीटर तथा जनसंख्या का घनत्व 311.70 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है वही चीन का क्षेत्रफ़ल 9327400 वर्ग किलोमीटर तथा जनसंख्या का घनत्व 140.05 व्यक्ति प्रति किलोमीटर है। जनसंख्या के लिहाज से भारत के शहर मुम्बई की जनसंख्या जहां 1.99 करोड दिल्ली की जनसंख्या 1.97ंकरोडं तथा कोलकता की जनसंख्या1.57 करोड है वही इजराइल की कुल जनसंख्या 62.7 लाख तथा अस्टेलिया की जनसंख्या मात्र 2.01 करोड है। जहां मुम्बई और दिल्ली की जनसंख्या इजराईल की जनसंख्या की तीन-तीन गुनी है वही कोलकाता की जनसंख्या इजराईल की जनसंख्या की ढाई गुनी है। मुम्बई और दिल्ली मे एक-एक आस्टेलिया बसता है। ब्रिटेन की कुल जनसंख्या के बराबर जनसंख्या भारत केवल तीन महानगरों मे बसती है। भारत वर्ष मे 0 से 14 वर्ष के बीच की जनसंख्या 33.76 करोड थी वही चीन की 0-14 वर्ष के बीच की जनसंख्या 27.92 करोड थी। ये आंकडे यह दशाते है कि जहां चीन ने विगत वर्षो मे अपनी जनसंख्या पर लगभग नियन्त्रण कर लिया है वही भारत की जनसंख्या बहुत ही तेजी से बढ रही है। जनसंख्या क्षेत्रफल तथा जनसंख्या के घनत्व के हिसाब से विभिन्न देशों के आंकडे निम्न प्रकार है:-

क्रमाक देश का नाम कुल जनसंख्या क्षेत्रफल वर्र्ग किलोमीटर घनत्व
1 बांग्लादेश 144319628 144000 1002.22
2 जपान 127417244 364500 349.57
3 भारत 1028610328 3300000 311.70
4 इजराइल 6276883 20600 304.70
5 ब्रिटेन 60441457 242910 248.82
6 जर्मनी 82431390 356700 231.09
7 पाकिस्तान 162400000 803940 202.01
8 चीन 1306313812 9327400 140.05
9 फ्रांस 60656178 550100 110.26
10 ईराक 26074906 437400 59.61
11 अफगानिस्तान 29928987 652090 45.90
12 ईरान 68017860 1622000 41.93
13 अमेरिका 295734134 9159000 32.29
14 सउदी अरब 26417599 2149700 12.29
15 रुस 143420309 16888500 8.49
16 आस्टेलिया 20090437 7682300 2.62

भारत वर्ष की जनसंख्या की प्रतिवर्ष बृध्दि लगभग 2.2 करोड होती है जो कि आस्टेलिया की कुल जनसंख्या के बराबर है। क्या भारतवर्ष प्रतिवर्ष जुड रही नवीन जनसंख्या के लिए रोटी कपडा और मकान पीने के लिये शुध्द पेयजल चिकित्सा सुविधाओं के लिए चिकित्सालयों शिक्षा के लिये प्राथमिक तथा अन्य उच्च शिक्षा के लिये शिक्षण संस्थाओ की सुबिधा विकसित करने मे सक्षम है शायद नही। हमारे संसाधनों का एक बडा हिस्सा नये जन्मे बच्चों के लिये खर्च हो जाते है इस लिये पूर्व सृजित सम्मपत्तियों के उच्चीकरण एवं गणवत्ता मे सुधार की कम ही सम्भावना रह जाती है। क्या एक जिम्मेदार नागरिक के रुप मे हमारा दायित्व नही है कि हम इस विन्दु पर विचार करे।

हम अपनी भावी पीढी को क्या देना चाहते एक विकसित भारत या एक भिखारी भारत ?

फैसला आपको करना है

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