- 48 Posts
- 246 Comments
एक दिन मै सारी खरीदने मुबारकपुर आजमगढ गई थी। साडी खरीदने के दौरान दुकानदार ने बताया कि जो साडी मैने खरीदी है वह शुद्ध चाइना रेशम से बनी है। चीन मे रेशम का उत्पादन काटेज इन्डस्टी के रुप मे किया जाता है। वहां पर गरीब लोग रेशम के कीट का पालन करते हैं। शहतूत की पत्तियां किसानो को दी जाती है वे अपने घर मे कीट का पालन करते है और तैयार रेशम बेचकर अपना घर चलाते है। चीन मे तैयार रेशम भारत मे लाया जाता है और उससे साडी बनाकर भारतीयों को बेचा जाता जाता है। इसे दुर्भाग्य कहे या नीतिगत दिवालियापन कि देश मे करोडों करोड लोग वेरोजगार है लाल और सफेद कार्ड पर खाद्यान लेकर जीवन यापन करते है लेकिन रेशम उत्पादन का कार्य नही कर सकते। इसी प्रकार मछली पालन मुर्गी पालन भैस पालन का कार्य गरीब कर सकता है लेकिन नही कर रहा है। हर समस्या के समाधान के लिये सरकार की ओर ताकता रहता है। भारत को एक नये विकास माडल की जरूरत है जो दान आधारित न होकर स्वालम्बन आधारित हो।
Read Comments